Opal Stone: जानिए ओपल रत्न धारण करने की विधि एवं फायदे
Opal Stone: ओपल रत्न शुक्र का प्रतिनिधित्व करता है । कुंडली में शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए ओपल रत्न धारण किया जाता है।
ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह विलासता और सांसारिक इच्छाओं को पूर्ण करने से संबंधित है। इस रत्न के प्रभाव से आकर्षण शक्ति का विकास होता है तथा सौन्दर्य शक्ति में भी वृद्धि होती है।
इसलिए, ज्योतिषी न केवल वित्तीय परिस्थितियों को बढ़ाने के लिए, बल्कि सामाजिक स्थिति और शानदार जीवन शैली को बनाए रखने के लिए ओपल को धारण करने की सलाह देते हैं।
ओपल पहनने से जीवन को प्यार और खुशिया आती है। खुशहाल दाम्पत्य जीवन के लिए ओपल रत्न लाभदायक होता है। कलात्मक क्षेत्रों से जुड़े लोगों को ओपल रत्न उत्तम माना जाता है।
ओपल शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ओपलस और यूनानी शब्द ओपैलियस से हुई है। ओपल एक सफेद रंग का कीमती रत्न है जो सिलिकेट खनिज परिवार से आता है।
यह एक प्रकार के धातु से बना जैल है, जो बहुत ही कम तापमान पर चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, आग्नेय चट्टान, मार्ल और बेसाल्ट जैसे चट्टान की दरारों में इकठ्ठा होने से बनता है।
यह अपने रंगों के अद्भुत संयोग के लिए पहचाना जाता है। यह सभी रत्नों में से सबसे रंगीन है और इन में उपस्थित इंद्रधनुषी रंग इसे अधिक सुंदर बनाते है।
ओपल कई रंगों में पाया जाता है. लेकिन सबसे आम हैं सफेद, गुलाबी, जैतून का भूरा और काले पाया जाता है। सभी ओपल में ऑस्ट्रेलिया के ओपल अपने चमकीले रंग और समृद्ध बनावट के लिए व्यापक रूप से लोकप्रिय है। ओपल मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।
ऑस्ट्रेलिया अकेला ही दुनिया का लगभग 95% ओपल पैदा करता है। ओपल ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय रत्न है। अन्य देशों में भी ओपल रत्न पाया जाता है, मैक्सिको, ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका में भी ओपल रत्न का उत्पादन होता है।
ओपल रत्न (Opal Stone) धारण करने की विधि:
ओपल रत्न को आप सोना व चांदी में पहन सकते हैं। इसे धारण करने से पहले आप ओपल को एक दिन के लिए गंगाजल, दूध, शहद व मिश्री के घोल में डुबों कर रख दें।
इसके बाद अगले दिन विधिवत संकल्पपूर्वक धूप, दीप मिष्टान्न से पूजा अर्चना करके शुक्र देव का स्मरण करते हुए 108 बार–
।।ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।। मंत्र का जाप करना चाहिए, उसके बाद अंगूठी को धारण करना चाहिए। लें।
ओपल रत्न ( Opal Stone ) शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन या शुक्र की होरा में धारण किया जाता है। ओपल सीधे हाथ(right hand) की तर्जनी अंगुली में धारण करते है।
ओपल रत्न ( Opal Stone ) का लाभ
- संगीत, पेंटिंग, नृत्य शिल्प, कला और सिनेमा के पेशे जैसे कलात्मक क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए ओपल रत्न अत्यधिक लाभदायक होता है।
- ओपल रत्न जो कपडे, फैशन, गहने, कलाकृतियों, महंगे, वस्त्र, कारें, आदि के व्यापार से जुड़े लोगों के लिए ओपल रत्न लाभदायक सिद्ध होता है।
- ओपल आँखों से सम्बंधित रोग, मानसिक तनाव, उदासीनता, आलस्य, लाल रक्त कणिकाओं से सम्बन्धित रोगों से राहत दिलाता है। यौन शक्ति को विकसित करता है, क्योंकि यह शुक्र ग्रह का कारक है और शुक्र वीर्य का कारक है। यह शारीरिक तंदरुस्ती भी प्रदान करता है। यह रत्न आपके शरीर के हार्मोनल स्राव के संतुलन को बनाएं रखने में मदद करता है। गुर्दे की बीमारी को भी यह रत्न ठीक करता है।
- ओपल रत्न मान-सम्मान में वृद्धि करता है तथा उलझे हुए दाम्पत्य जीवन तथा प्रेम-संबंधों में मधुरता लाता है।
- ओपल मौलिकता लाता है और गतिशीलता को बढ़ाता है।
ओपल रत्न ( Opal Stone ) किसे धारण करना चाहिए?
- ओपल रत्न शुक्र (Venus) ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है।
- जिस जातक की जन्म कुंडली में तुला तथा वृषभ लग्न हो या जिसकी जन्म राशि तुला या वृषभ हो वह जातक ओपल रत्न बिना संकोच धारण कर सकता है।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र बलवान नहीं है उस जातक को भी ओपल रत्न धारण कर अपने शुक्र को मजबूत करना चाहिए।
- कर्क और मकर लग्न की कुंडली वाले जातक भी ओपल रत्न धारण कर सकते है।
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